Sunday, September 8, 2013

हरितालिका

आज हरितालिका तीज है....आलिभिर्हरिता यस्मात्तस्मात्सा हरितालिका अर्थात् सखियाँ पार्वती को 'पति के रूप में साक्षात् शिव ही मिलें' इस निमित्त तप करने के लिए हर कर ले गई थीं, इस कारण यह तिथि यानि भाद्रपद शुक्ल तृतीया हरितालिका कहलायी। सुखी और सम्मानपूर्ण दाम्पत्य मिले, दाम्पत्यजीवन तनावमुक्त हो, खुशियाँ घर में खिलखिलाती रहें, दम्पत्ति नीरोग रहें और परस्पर के प्रेमरुपी दूध में कभी खटास न आए..यह आकांक्षा सपना न रह जाए इस निमित्त सद्गृहिणियाँ हरितालिका व्रत निर्जला करती हैं.... कुमारियाँ भी मनवांछित जीवनसाथी मिले इस निमित्त यह व्रत कर सकती हैं।पति-पत्नी साम्ब सदाशिव का सविधि पूजन कर माता पार्वती की करबद्ध प्रार्थना करें.....
शिवायै शिवरुपिण्यै मङ्गलायै महेश्वरी।शिवे सर्वार्थदे देवि शिवरूपे नमोस्तु ते।।
शिवरूपे नमस्तुभ्यं शिवायै सततं नमः।नमस्ते ब्रह्मरूपिण्यै जगद्धात्र्यै नमो नमः।।
संसार-भय-संत्रस्तस्त्राहि मां सिंहवाहिनी।येन कामेन भो देवि पूजितासि परमेश्वरी।।
राज्यसौभाग्यं मे देहि प्रसन्ना भव पार्वती।मन्त्रेणानेन भो देवि पूजयेदुमया सह।।
अगले दिन सुबह आरती-पूजन के पश्चात् व्रत का दानपूर्वक पारण करें.....जगतः पितरौ यानि पार्वती-परमेश्वर की अकल्पनीय कृपा से जीवन सुवासित हो उठेगा। मानस का वचन इसे सुनिश्चित करता है....
जौं तप करैं कुमारी तुम्हारी। भविउ मेटि सकहिं त्रिपुरारी।।